राजस्थान में IAS विवाद:चीफ सेक्रेटरी से सीनियर अधिकारी की सचिवालय में पोस्टिंग, केट ने लगाई रोक
जयपुर
आईएएस रविशंकर श्रीवास्तव के ट्रांसफर पर गुरुवार काे रोक लगा दी है। इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान के डीजी के पद से सचिवालय में विभागीय जांच आयुक्त के पद पर भेजे जाने से नाराज सीनियर आईएएस एवं एसीएस रवि शंकर श्रीवास्तव ने सरकार को चुनौती दी थी। केट में श्रीवास्तव ने दलील दी थी कि सीएस ऊषा शर्मा उनसे जूनियर हैं तो वे उनके अधीन काम कैसे करें।
गौरतलब है कि पूर्व सीएस निरंजन आर्य के कार्यकाल में एसीएस सुबोध अग्रवाल एवं पीके गोयल को सचिवालय में भेजा गया था, जबकि निरंजन आर्य उनसे जूनियर अफसर थे। हालांकि,उस समय कोई विवाद नहीं हुआ था। श्रीवास्तव 30 अप्रैल से आगामी 22 मई तक अवकाश पर हैं और इसी साल सितंबर में उनका रिटायरमेंट हैं।
पंचायती राज संस्थान से आयुक्त विभागीय जांच के पद पर बुधवार रात को ट्रांसफर किया गया था। केट ने 11 मई के इस आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है। वहीं केट ने मामले में केन्द्र सरकार, राज्य के सीएस व कार्मिक विभाग के सचिव से 27 मई तक जवाब देने के लिए कहा है। केट की न्यायिक सदस्य हिना पी शाह व प्रशासनिक सदस्य दिनेश शर्मा की बेंच ने यह आदेश गुरूवार को रविशंकर श्रीवास्तव के मूल प्रार्थना पत्र पर दिया।
अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि राज्य के कार्मिक विभाग ने 11 मई के आदेश से पंचायती राज विभाग में महानिदेशक के पद पर काम कर रहे प्रार्थी आईएएस का ट्रांसफर आयुक्त विभागीय जांच के पद पर कर दिया। जबकि इस पद पर श्रीवास्तव की नियुक्ति नवंबर 2021 में हुई थी और ऑल इंडिया सर्विस रूल्स के तहत दो साल से कम अवधि में अफसर का दूसरी जगह पर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।
यदि ट्रांसफर करना भी है तो उससे पहले सिविल बोर्ड की मीटिंग में प्रस्ताव पारित करना होगा। आयुक्त का पद सीएस के अधीन है और सीएस प्रार्थी से जूनियर है। ऐसे में सीनियर अफसर को जूनियर अफसर के अधीन नहीं लगा सकते। इसके अलावा प्रार्थी के रिटायरमेंट में पांच महीने ही रह गए हैं। इसलिए उसके ट्रांसफर आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाई जाए।
सरकार ने रात को निकाला आदेश : कार्मिक विभाग ने बुधवार रात एक आदेश जारी कर रवि शंकर श्रीवास्तव का तबादला विभागीय जांच आयुक्त पद पर कर दिया। वहीं, पंचायतीराज संस्थान के डीजी का अतिरिक्त प्रभार ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव अपर्णा अरोड़ा को दे दिया था।
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